तपोवन स्थापक युग प्रधान आचार्य तुल्य पूज्य पन्यास प्रवर श्री चंद्रशेखर विजयजी म.सा. की 12 वीं पुण्यतिथि पर हुई गुणानुवाद सभा

तपोवन स्थापक युग प्रधान आचार्य तुल्य पूज्य पन्यास प्रवर श्री चंद्रशेखर विजयजी म.सा. की 12 वीं पुण्यतिथि पर हुई गुणानुवाद सभा

– आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा की निश्रा में चार भाषाओं में हुए प्रवचन

सैलाना वालों की हवेली मोहन टाकीज में शनिवार को तपोवन स्थापक युग प्रधान आचार्य तुल्य पूज्य पन्यास प्रवर श्री चंद्रशेखर विजजी म.सा. की 12 वीं पुण्यतिथि पर गुणानुवाद सभा हुई। इसके बाद आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा की निश्रा में चार भाषा हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और संस्कृत में प्रवचन हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।

आचार्य श्री ने तपोवन श्री चंद्रशेखर विजयजी म.सा. की 12 वीं पुण्यतिथि के प्रसंग पर आयोजित गुणानुवाद सभा में गुरूदेव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि गुरूदेव तीन पर्सनालिटी के मालिक थे, जोकि लाॅयन पर्सनालिटी, लाइव पर्सनालिटी और लाइन पर्सनालिटी। वह जब चलते थे तो उनकी चाल शेर के समान थी और जब कुछ बोलते थे तब शेर की दहाड़ की तरह आवाज निकलती थी। उनके आशीष वचनों को सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रावक-श्राविकाएं पहुंचते थे।

मुनिराज श्री ज्ञानबोधि विजयजी म.सा., मुनिराज श्री ज्ञानरूचि विजय म.सा., मुनिराज श्री जिनागम विजय म.सा. के द्वारा अन्य भाषाओं में तपोवन श्री चंद्रशेखर विजयजी म.सा. का गुणानुवाद किया। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी के तत्वावधान में आयोजित प्रवचन में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित रहे।

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