पारदर्शी व्यक्तित्व की धनी थी मम्मा: राजयोगिनी मनोरमा दीदी

मातेश्वरी सरस्वती जी ने सिखाया कि हमें सदा अंदर बाहर साफ स्वच्छ रहना है। हमारा
सोचना, बोलना, करना सब समान होना चाहिए हम ऐसे पारदर्शी हो जिन्हें हर कोई स्पष्टत:
समझ सके उक्त उदगार राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने राजीव गांधी सिविक सेंटर लोकेंद्र टॉकीज
चौराहा स्थित सेवा केंद्र पर संस्थान की प्रथम मुख्य प्रशासिका जगदंबा सरस्वती के 59वें पुण्य
स्मृति दिवस पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में व्यक्त किए उन्होंने कहा कि मम्मा का
लौकिक नाम ओम राधे था। उनकी वाणी में माधुर्य एवं मस्तक पर पवित्रता का अद्भुत तेज
था। अनेकानेक विशेषताओं के कारण परमपिता परमात्मा ने उन्हें ईश्वरीय सेवाओं की अग्रदूत
बनाया। उनके मातृत्व भाव से अभिभूत होकर बड़ी संख्या में माताओ बहनों ने अपना जीवन प्रभु
सेवा में समर्पित कर दिया।
ईश्वरीय महावाक्यों के पश्चात परमपिता परमात्मा को भोग स्वीकार कराया गया तत्पश्चात
कार्यक्रम में वरिष्ठ भाई बहनों सर्व श्री राजेंद्र प्रसाद शर्मा, राजेश मोडिया, ललित केसवानी,
शुभम पालीवाल, कमलेश श्रीवास्तव, दुर्गेश जाधव, कृष्ण कुमार चौहान, त्रिपाठी जी, श्वेता सोनी,
सरोज मोड़िया, मानसी केसवानी, रिधिका केसवानी, साधना चौहान, राधा राठौर, सीमा सोनी,
जयबाला सोनी, यजस्वी मोडिया, सुमित्रा शर्मा ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित
किए।

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